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Showing posts from May, 2018
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कब तक करते रहेंगे खुद को नेगलेक्ट ?       बहुत समय पहले की बात है रामपुर गाँव में ननकू नाम का एक मोची रहता था. पैसा कम होने के कारण उसके संगी-साथी यह  काम छोड़ चुके थे पर ननकू बड़ी तसल्ली से लोगों के जूते-चप्पलों की मरम्मत करता था. Image Courtesy आस-पास के कई गाँव में एक मात्र मोची होने के कारण उसके पास काम की कोई कमी नहीं रहती, दूर-दूर से लोग अपने फटे-चीथड़े जूते-चप्पल बनवाने पहुँचते. ननकू भी बड़ी लगन से अपने ग्राहकों को समय देता और उनका काम पूरा कर देता. पर इन सबके बीच वह अपने ही पुराने हो रहे जूतों की ओर ध्यान नहीं देता. समय बीतता गया… ननकू दुनिया भर के जूतों को चमकाता रहा और उसके अपने जूते ही घिसते-घिसते खराब होते रहे. कुछ लोग उसे जूतों के लिए टोकते भी पर वो हर बार यही कह के टाल देता कि – पहले ग्राहकों के जूते तो बना लूँ फिर अपने भी बना लूँगा. करते-करते जूते इतने खराब हो गए कि अब वे उसके के पैरों को तकलीफ देने लगे…. ध्यान ना देने के कारण ननकू के पैरों में घाव भी बन गया. जब लोग उसे इसके लिए कुछ बोलते तो वह कहता- अरे बस हलकी ...
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आज आप क्या कर रहे हैं यही तय करेगा कि कल आप क्या करेंगे सूखे के कारण माधवपुर गाँव के किसान बहुत परेशान थे. धरती से पानी गायब हो चुका ,ट्यूबवेल जवाब दे चुके थे… खेती करने के लिए सभी बस इंद्र की कृपा पर निर्भर थे. <script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7704355103837361", enable_page_level_ads: true }); </script> पर बहुत से पूजा-पाठ और यज्ञों के बावजूद बारिश होने का नाम नहीं ले रही थी. हर रोज किसान एक जगह इकठ्ठा होते और बादलों को ताकते रहते कि कब बारिश हो और वे खेतों में लौट सकें. <script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7704355103837361", enable_page_level_ads: true }); <...
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           क्या आप सही रास्ते पर हैं?       बहुत समय पहले की बात है, घास के मैदानों से भरा एक जंगल था जिससे भैंसों का एक झुण्ड गुजर रहा था.  झुंड अभी कुछ ही आगे बढ़ा था कि अचानक शेरों ने उनपर हमला कर दिया. बाकी भैंसे तो बच गयीं पर एक बेचारी भैंस झुण्ड से अलग हो गयी. शेर उसका पीछा करने लगे और वो घबराहट के मारे इधर-उधर भागने लगी… कभी दाएं…. कभी बाएँ…कभी ढलान पर … तो कभी चढ़ाई पर… भैंस इतनी डरी हुई थी कि उसने पलट कर देखा तक नहीं कि शेर कब के वापस लौट गए हैं…उसे तो बस अपने जान की फ़िक्र थी! काफी देर तक भागने के बाद जब वो रुकी तब उसे एहसास हुआ कि वह जंगल से बाहर निकल एक गाँव में आ चुकी है. अगले दिन जंगली कुत्तों का झुण्ड घास के बीच मिल रही उस भैंस की गंध का पीछा करते-करते उसी रास्ते पर चल पड़ा. अगले दिन भेडें भी घास के बीच बने रास्ते को देखकर उसी पर चल पड़ी.. ऐसे करते-करते बहुत से जानवर उसी रास्ते पर चलने लगे… और एक दिन जब जंगल में शिकार कर रहे नवयुवकों ने वो रास्ता देखा तो...
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वो सोचो जो चाहते हो वो नहीं जो नहीं चाहते हो !                                                 जब आप restaurant में खाने जाते हैं तो waiter से क्या कहते हैं ? “ मुझे एक कढाई पनीर , 2 garlic नान , और एक fried rice नहीं चाहिए ….” या फिर ,” मेरे लिए एक lime soda मत लाना ” क्या आप ऐसे order देते हैं … कि मुझे ये -ये चीजें नहीं चाहियें . या ये बताते हैं कि आपको क्या -क्या चाहिए ?? Of course , हर कोई यही कहता है कि उसे क्या चाहिए , ये नहीं कि उसे क्या नहीं चाहिए … now suppose अगर हम waiter से कहते कि क्या नहीं चाहिए तो क्या वो हमारे मन की चीज ला कर दे पाता , क्या वो हमारे “नहीं चाहिए ” से ये interpret कर पाता कि हमें “ क्या चाहिए ”…नहीं कर पाता यही बात हमारी life में भी लागू होती है …ये ब्रह्माण्ड एक ऐसी अद्भुत जगह है जहाँ हमारी हर एक इच्छा पूरी हो सकती है. कैसे ? हमारी सोच से ! ये दरअसल एक law है जो किसी भी mathematical law की तरह perfect है ...
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5 चीजें जो आपको नहीं करनी चाहिए और क्यों ? 1) दूसरे की बुराई को enjoy करनi ये तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं की दुसरे के सामने तीसरे की बुराई नहीं करनी चाहिए, पर एक और बात जो मुझे ज़रूरी लगती है वो ये कि यदि कोई किसी और की बुराई कर रहा है तो हमें उसमे interest नहीं लेना चाहिए और उसे enjoy नहीं करना चाहिए. अगर आप उसमे interest दिखाते हैं तो आप भी कहीं ना कहीं negativity को अपनी ओर attract करते हैं. बेहतर तो यही होगा की आप ऐसे लोगों से दूर रहे पर यदि साथ रहना मजबूरी हो तो आप ऐसे topics पर deaf and dumb हो जाएं, सामने वाला खुद बखुद शांत हो जायेगा.  example यदि कोई किसी का मज़ाक उड़ा रहा हो और आप उस पे हँसे ही नहीं तो शायद वो अगली बार आपके सामने ऐसा ना करे. इस बात को भी समझिये की generally जो लोग आपके सामने औरों का मज़ाक उड़ाते हैं वो औरों के सामने आपका भी मज़ाक उड़ाते होंगे. इसलिए ऐसे लोगों को discourage करना ही ठीक है. 2) अपने अन्दर को दूसरे के बाहर से compare करना इसे इंसानी defect कह लीजिये या कुछ और पर सच ये है की बहुत सारे दुखों का कारण हमारा अपना दुःख ना हो...
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   Motivation मर जाती है पर Habit ज़िंदा रहती है  दोस्तों, अक्सर हम कुछ पढ़कर , कोई video या movie देखकर बहुत energized हो जाते हैं और अपने goals achieve करने के लिए super motivated feel करने लगते हैं.  पर इसका असर कुछ समय बाद ही चला जाता है और हम वापस अपनी पुरानी routine पर लौट आते हैं और… फिर से वही ज़िन्दगी जीने लगते हैं जिसे हम हमेशा से जीते आये हैं. यानी हमारी motivation जल्द ही मर जाती है. जब motivation मर जाती है तो जोश ठंडा पड़ जाता है… 3 दिन सुबह 5 बजे उठ कर पढ़ना वापस 8 बजे तक सोने में बदल जाता है…. जब motivation मर जाती है तो कुछ दिन तक चली 10-10 घंटे की practice वापस 3-4 घंटे पर आ कर अटक जा <script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7704355103837361", enable_page_level_ads: true }); </script> ती है…जब motivation मर जाती है तो हम हमारे best version से वापस mediocr...